5 Simple Statements About sidh kunjika Explained
5 Simple Statements About sidh kunjika Explained
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पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा ।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
न सूक्तं नापि ध्यानं च, न न्यासो न च वार्चनम्।।
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रात के समय click here ये पाठ ज्यादा फलदायी माना गया है.
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
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इति श्रीरुद्रयामले गौरीतंत्रे शिवपार्वतीसंवादे कुंजिकास्तोत्रं संपूर्णम् ।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)